Thursday 14 February 2019

कविता की परी

















चमकता सीतारों का,
गरजता बादलो का ,
गुलशन बहारो का ,
रंगीन नज़ारो का ,
अंदाज़ा करने वाली प्रतिभाशाली ,
हे, कविता की परी ।
तु याद आती है हर घडी ॥

हर बातों  का अंदाज़ा करती है ।
और , उस में रस भरती है ॥
सुम धुर व अनुरागी रस ।
पिलाकर , उड़ाती है होश ॥


जब   तु नज़र आती है ,
कविता ही झलकाती है ।
चारो तरफ सृजना की सागर लहराती है ॥

Saturday 2 February 2019

सावन आया है (Poem)

मेघों ने पानी बरसाया है ।
हवाओं  ने मन तरसाया है ॥
लगता है सखी , सावन आया है ।
देखो तो , चमन में घटा छाया है ॥

आया है सखी , सावन आया है ।
चली न  झुले झूला , उन बागों ने बाहों को फैलाया है ॥
प्रकृति ने सावन को , बाहों में झुलाया है ।
हाय रे ! कितना प्यारा नज़ारा दिखाया  है ॥

मेघों के नयन , झम- झम बरस आया है ।
आधी रातो में , मन बहकाया है ॥
आया है , सच , सावन आया है ।
पवन ने तरु  की डालियों को  हिलाया है ॥

चलो न सखी , बुलबुल ने बुलाया है ।
सावन की आँगन में , धूम मचाया है ॥
बुलबुल गाकर , मोर नाचकर , धूम मचाया है ।
सोय इन्सानो को , उसने जगाया है ॥

Thursday 31 January 2019

प्यारे मामा

मामा मेरे  प्यारे थे ।
आँखों के तारे थे ॥
वे दुनिया छोड़ गए आज ।
सबकुछ , हुआ है बरबाद ॥

मामा मेरे नसीले ।
रस में , रसिले ॥
वे दुनिया को छोड़ गए  ।
सूरज की तरह डुब गए ॥

मामा मेरे बलवान थे ।
सब से पहलवान थे ॥
आज हमें अकेले कर गये हैं ।
नजाने किस से डर गए हैं  ॥


मामा  मेरे दयावान ।
सब से भाग्यवान ॥
मगर आज दुनियाँ  में नहीं रहे हैं ।
सब से रिश्ता तोड़कर चले गये हैं ॥

मामा मेरे नसीब वाले ।
सबको फँसाने में  रबपीस वाले ॥
लेकिन वे दुनियाँ में नहीं रहे हैं ।
हम सबको अलविदा कह गये हैं ॥

Wednesday 30 January 2019

मैंने पुछा तमना की गाँव

काली घटाओं से ।
चंचल हवाओं से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव  ।
उन्होंने दिखाया , मांझी की नाँव ॥


चलते रही से  ।
किसान भाई से ॥
उड़ते पंक्षियों से ।
खिलती कलियों से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने भी बतलाया , मांझी की नाँव ॥



नाचती परी से ।
हँसती चाँदनी से ॥
चहकते बुलबुल से  ।
खरगोश चुलबुल से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने कहा , लेकर जाओ , उस पार नाँव ॥


नदियों के किनारे ।
थे इकट्ठे सारे ॥
बड़ा ही प्यार से ।
बड़ा ही प्यार से
दौड़ते झंकार , दिल की तार से  ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
तो मुस्कुराते हुए सब बोले,
इस नदी पार है , लेकर जाओ नाँव ॥

Wednesday 16 January 2019

संसार



प्रकृति की जुल्फों से , बिखरती हुई खुशबु ।
चाँदनी रात में , इतराती परियों की घुँगरू ॥
पत्थरों में टकराकर  निकलती झंकार ।
इन  सबने , कितना सुहाना बनाया है संसार ॥

फूलो की चढ़ती जवानी ।
सागरों में छलकता पानी ॥
कोयल की कू - कू बोली, 
होली के , रंगों की रंगीली धार ।
इन  सबने , कितना सुहाना बनाया है संसार ॥

कलियों की ओठों से , बिखरती मुस्कान ।
प्रभात में बिखरती , मधुर उषा की किरण ॥
हवा की तीनो से , निकती फूलो की सहनाई ,
मधुर - मधुर चाँद की परछाई ।
इन सब के साथ संसार , लेता है अंगड़ाई ॥

हवाओं में लहराती प्रकृती की आँचल ।
चम - चम  चमकता हुआ हिमालय ॥
जंगलो में गुंजती हिरनों की शोर ,
झुम-झुम  नाचता हुआ मोर ।
इन सबने संसार को बनाया है कितना प्यारा ,
यह देखर , झुम - झुम  के नाच रहा है बंजारा ॥

Tuesday 15 January 2019

कोयल की मीठी गीत (बाल कविता)


कोयल की मीठी गीत (बाल कविता)

कोयल मीठी गीत सुनाती है ।
सबको दीवाना बनाती है ॥
सोए दिलको जगाती है ।
मन में अनोखी उमंग लाती है ॥

चलो रे चलो भाई , उस नगरी में चलो ।
सुनो रे सुनो भाई , उसकी मधुर गीत सुन ॥
वहाँ दिवानो की भीड़ उमड़ पड़ती है  ।
जहॉ उसकी गीतों की बहार चलती है  ॥

मुझे उसकी सुरीली रागों ने ,  कर दिया दिवाना ।
हे भाई तुझे  कैसा लगा , जरा तु बताना ॥
उसकी मीठी गीतों में , मैं खोने लगा ।
संभल - संभल के मन मचले लगा ॥

उसकी गीतों की गुंजन से , बजती है सहनाई ।
चलो न चलो   उस नगरी में , है राजन भाई ॥
उस कोयल को हमें  देना होगा बधाई ।
जिसने दुनियाँ को , है दिवाना बनाई ॥

रातो में भी , दिनों में भी ।
जगते में भी , नींदो में भी ॥
बजती है , उसकी गीतों की झंकार  ।
मेरा मन,झसकता है बारबार॥

Monday 14 January 2019

माँ की एहशान

जो बना है मेरा अच्छा पहचान ।

यह , सब है तुम्हारा ही एहशान ॥
हे माँ तुम कैसी  देती गई दुआ ।
आज ,जीवन में ऐसा चमत्कार हुआ ॥

लोग  मेरा नाम चाह से लेते है ।
हर कदम पे धन्यवाद  देते है ॥
मैं,एकदिन इतना बड़ा बनूँगा ।
सबकी आँखों का तारा बनूँगा ॥

यह मैंने कभी सोचा नहीं था ।
अपनी किस्मत को देखा नहीं था ॥
हर काम में,मुझे जो सफलता मिलीं ।
वंजर भूमि में भी ,कलियाँ  खिली ॥

यह सब तुम्हारा ही एहसान है माँ ।
तुम्हारा बनाया हुआ,पहचान है माँ ॥
कितना प्यारा है माँ,तुम्हारा एहसान ।
बना दिया मेरा अच्छा पहचान ॥

तुम्हारी दुआ की असर ।
ऐसी  पड़ी मुझ पर ॥
मैं दुनिया में,सबसे काबिल हो गया ।
बड़े- बड़े लोंगो में शामिल हो गया ॥