मलाई छोडी, कसम तोडी, कहाँ जान्छौ बैगुनी
तिमि भुल म भुल्दिन तिम्लाई जुनी-जुनी
कसम खायौ माया लायौ,
फसाई छोडेयौ बैगुनी
सम्झी कहिले सम्म
हो अब म रुनी
हे निस्ठुरी-एक्लो जीवन जिउनु कसरी
चमकता सीतारों का, गरजता बादलो का , गुलशन बहारो का , रंगीन नज़ारो का , अंदाज़ा करने वाली प्रतिभाशाली , हे, कविता की परी ।...