काली घटाओं से ।
चंचल हवाओं से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने दिखाया , मांझी की नाँव ॥
चलते रही से ।
किसान भाई से ॥
उड़ते पंक्षियों से ।
खिलती कलियों से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने भी बतलाया , मांझी की नाँव ॥
नाचती परी से ।
हँसती चाँदनी से ॥
चहकते बुलबुल से ।
खरगोश चुलबुल से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने कहा , लेकर जाओ , उस पार नाँव ॥
नदियों के किनारे ।
थे इकट्ठे सारे ॥
बड़ा ही प्यार से ।
बड़ा ही प्यार से
दौड़ते झंकार , दिल की तार से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
तो मुस्कुराते हुए सब बोले,
इस नदी पार है , लेकर जाओ नाँव ॥
चंचल हवाओं से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने दिखाया , मांझी की नाँव ॥
चलते रही से ।
किसान भाई से ॥
उड़ते पंक्षियों से ।
खिलती कलियों से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने भी बतलाया , मांझी की नाँव ॥
नाचती परी से ।
हँसती चाँदनी से ॥
चहकते बुलबुल से ।
खरगोश चुलबुल से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
उन्होंने कहा , लेकर जाओ , उस पार नाँव ॥
नदियों के किनारे ।
थे इकट्ठे सारे ॥
बड़ा ही प्यार से ।
बड़ा ही प्यार से
दौड़ते झंकार , दिल की तार से ॥
मैंने पुछा तमना की गाँव ।
तो मुस्कुराते हुए सब बोले,
इस नदी पार है , लेकर जाओ नाँव ॥
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