Tuesday 15 January 2019

कोयल की मीठी गीत (बाल कविता)


कोयल की मीठी गीत (बाल कविता)

कोयल मीठी गीत सुनाती है ।
सबको दीवाना बनाती है ॥
सोए दिलको जगाती है ।
मन में अनोखी उमंग लाती है ॥

चलो रे चलो भाई , उस नगरी में चलो ।
सुनो रे सुनो भाई , उसकी मधुर गीत सुन ॥
वहाँ दिवानो की भीड़ उमड़ पड़ती है  ।
जहॉ उसकी गीतों की बहार चलती है  ॥

मुझे उसकी सुरीली रागों ने ,  कर दिया दिवाना ।
हे भाई तुझे  कैसा लगा , जरा तु बताना ॥
उसकी मीठी गीतों में , मैं खोने लगा ।
संभल - संभल के मन मचले लगा ॥

उसकी गीतों की गुंजन से , बजती है सहनाई ।
चलो न चलो   उस नगरी में , है राजन भाई ॥
उस कोयल को हमें  देना होगा बधाई ।
जिसने दुनियाँ को , है दिवाना बनाई ॥

रातो में भी , दिनों में भी ।
जगते में भी , नींदो में भी ॥
बजती है , उसकी गीतों की झंकार  ।
मेरा मन,झसकता है बारबार॥

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