कोयल की मीठी गीत (बाल कविता)
सबको दीवाना बनाती है ॥
सोए दिलको जगाती है ।
मन में अनोखी उमंग लाती है ॥
चलो रे चलो भाई , उस नगरी में चलो ।
सुनो रे सुनो भाई , उसकी मधुर गीत सुन ॥
वहाँ दिवानो की भीड़ उमड़ पड़ती है ।
जहॉ उसकी गीतों की बहार चलती है ॥
मुझे उसकी सुरीली रागों ने , कर दिया दिवाना ।
हे भाई तुझे कैसा लगा , जरा तु बताना ॥
उसकी मीठी गीतों में , मैं खोने लगा ।
संभल - संभल के मन मचले लगा ॥
उसकी गीतों की गुंजन से , बजती है सहनाई ।
चलो न चलो उस नगरी में , है राजन भाई ॥
उस कोयल को हमें देना होगा बधाई ।
जिसने दुनियाँ को , है दिवाना बनाई ॥
रातो में भी , दिनों में भी ।
जगते में भी , नींदो में भी ॥
बजती है , उसकी गीतों की झंकार ।
मेरा मन,झसकता है बारबार॥
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